ये खिड़कियां भी कमाल होती हैं
खिड़कियां नहीं ख़्वाब होती हैं
दम तोड़ते शहर में
जीते रहने की खुराक होती हैं
ये खिड़कियां भी कमाल होती हैं
तेरी खिड़की में झांकती मेरी खिड़की
हर बात का हिसाब होती है
दौड़ते हुए लम्हों का
थमा खि़ताब होती हैं
इस खिड़की की चाहत बेहिसाब होती है
एक छोटी सी ही खिड़की हो
मगर हो तो सही
उम्र भर यही मुराद होती है
एक खिड़की हो तुम्हारी
एक खिड़की हो मेरी
इस कोशिश में
हर रात तमाम होती है
ये खिड़कियां भी कमाल होती हैं।
सौम्या वफ़ा।(3/1/2019).
खिड़कियां नहीं ख़्वाब होती हैं
दम तोड़ते शहर में
जीते रहने की खुराक होती हैं
ये खिड़कियां भी कमाल होती हैं
तेरी खिड़की में झांकती मेरी खिड़की
हर बात का हिसाब होती है
दौड़ते हुए लम्हों का
थमा खि़ताब होती हैं
इस खिड़की की चाहत बेहिसाब होती है
एक छोटी सी ही खिड़की हो
मगर हो तो सही
उम्र भर यही मुराद होती है
एक खिड़की हो तुम्हारी
एक खिड़की हो मेरी
इस कोशिश में
हर रात तमाम होती है
ये खिड़कियां भी कमाल होती हैं।
सौम्या वफ़ा।(3/1/2019).
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