ज़्यादा तो कुछ नहीं
बस इतना वादा कर सकती हूं
तुम ज़िंदा रहो तो
जीते जाने का वादा कर सकती हूं
तुम फूल नहीं ना सही
पुंकेसर ही दे दो
मैं रस बनकर बरस जाने का वादा कर सकती हूं
मैं कल तो नहीं थी तुम्हारी
पर तुम मुझे आज दे दो
मैं आने वाले हर कल में
अपने हिस्से का ब्याज भर सकती हूं
गेहूं चुनकर आओ जब तुम
तो मैं ठंडे पानी का घूंट बन सकती हूं
ज़्यादा तो कुछ नहीं
बस अपने साथ साथ तुमको भी
ज़िंदा रख सकती हूं
तुम ज़िंदा रहो तो
जीते जाने का वादा कर सकती हूं
ज़्यादा तो कुछ नहीं
बस इतना वादा कर सकती हूं।
सौम्या वफ़ा।(11/8/2019).
बस इतना वादा कर सकती हूं
तुम ज़िंदा रहो तो
जीते जाने का वादा कर सकती हूं
तुम फूल नहीं ना सही
पुंकेसर ही दे दो
मैं रस बनकर बरस जाने का वादा कर सकती हूं
मैं कल तो नहीं थी तुम्हारी
पर तुम मुझे आज दे दो
मैं आने वाले हर कल में
अपने हिस्से का ब्याज भर सकती हूं
गेहूं चुनकर आओ जब तुम
तो मैं ठंडे पानी का घूंट बन सकती हूं
ज़्यादा तो कुछ नहीं
बस अपने साथ साथ तुमको भी
ज़िंदा रख सकती हूं
तुम ज़िंदा रहो तो
जीते जाने का वादा कर सकती हूं
ज़्यादा तो कुछ नहीं
बस इतना वादा कर सकती हूं।
सौम्या वफ़ा।(11/8/2019).
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