कुछ मेरी क़लम की कमाई
कुछ मंच पे उतर के
रंगों की मुंह दिखाई
कुछ तालियां तारीफें
कुछ जग हंसाई
ले दे के
इसके सिवा और क्या पास रखा मैंने
जितनी भरी खुशबुएं
उतनी ही सांसें लुटाईं।
सौम्या वफ़ा।©
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