मैंने अपने जीवन में कुछ नहीं बस
जी को तोड़ कर ख़त्म कर देने वाली
मेहनत कमाई है
उस मेहनत में पैसे नहीं
हर बार हार कमाई है
उस हार से कमाया है फ़िर
बेशकी़मती अनुभव
उस अनुभव से फ़िर जी की शांति कमाई है
उस शांति से फ़िर कमाई है एक जगह
और उस जगह से फ़िर एक ज़िन्दगी कमाई है
उस ज़िंदगी ने फ़िर दिया है सबकुछ
वो सबकुछ जो आज मेरी पूरी कमाई है।
सौम्या वफ़ा।©
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें