निर्मल पावन सी तरंग हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
अाई हो कि गई कोई भान ना हो
ऐसी सूक्ष्म अनन्त हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सहजता कोई भाव नहीं एक
शून्य सत्य है
तुम सत्य में विलीन हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सहजता स्थिति नहीं सिद्धि है
तुम एक सिद्ध योग हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सिद्ध शून्य से बड़ा कोई चमत्कार नहीं
तुम स्वयं में विलीन हो
इस चमत्कार से चमत्कृत हो जाओ
मुझमें आती हो बस जाती हो
ऐसे ही कण कण में बस जाओ
अगण्य हो अब
नगण्य हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
निर्मल पावन सी तरंग हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ।
सौम्या॰
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
अाई हो कि गई कोई भान ना हो
ऐसी सूक्ष्म अनन्त हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सहजता कोई भाव नहीं एक
शून्य सत्य है
तुम सत्य में विलीन हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सहजता स्थिति नहीं सिद्धि है
तुम एक सिद्ध योग हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
सिद्ध शून्य से बड़ा कोई चमत्कार नहीं
तुम स्वयं में विलीन हो
इस चमत्कार से चमत्कृत हो जाओ
मुझमें आती हो बस जाती हो
ऐसे ही कण कण में बस जाओ
अगण्य हो अब
नगण्य हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ
निर्मल पावन सी तरंग हो जाओ
मेरी सांस तुम सहज हो जाओ।
सौम्या॰
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