शनिवार, 8 फ़रवरी 2020

रंग नहीं पानी




मैं ज़्यादा कुछ नहीं
बस खाली हो जाना चाहती हूं
कोई रंग नहीं
बस
पानी हो जाना चाहती हूं
मेरे सीने पे कोई चेहरा मत खींचो
मैं कोई परछाईं नहीं
उजले पानी की एक
लकीर हो जाना चाहती हूं
कभी सख़्त सी बरफ
कभी भाप बनकर
उड़ जाना चाहती हूं
रंगों का गुबार नहीं
एक रंग
हवा हो जाना चाहती हूं
मैं फ़िर से वही खाली कोरा
 कैनवस हो जाना चाहती हूं
कोई रंग नहीं
बस पानी हो जाना चाहती हूं।

@सौम्या वफ़ा।©®

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