सारे संसार के सामने ही होता है
रोज़ प्रणय आकाश से धरती का
रोज़ ही होता है खेल रंगीन
गुलाबी मिलन की होली का
क्षितिज पर सजती है
हर शाम ही सेज
रोज़ जनम होता है
गोधूलि का।
@सौम्या वफ़ा।©®
रोज़ प्रणय आकाश से धरती का
रोज़ ही होता है खेल रंगीन
गुलाबी मिलन की होली का
क्षितिज पर सजती है
हर शाम ही सेज
रोज़ जनम होता है
गोधूलि का।
@सौम्या वफ़ा।©®
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