दूर कहीं उड़ती हवा ने जाने क्यों
घर बसाने का सोचा
हवा का घरौंदा आकाश पर ही हो सकता है
ये कहकर एक दिन आकाश ने हवा को
बादलों से ये संदेसा भेजा
हवा हैरानी सी बहती
आकाश को निहारती रही
हवा उड़ती रही तो
आकाश भी साथ बहने लगा
हवा को लगा
अब तो तूफ़ानों से फ़ुरसत मिलेगी
अब तो मैं भी चैन से दो घड़ी बैठकर
कुछ हवा ले सकूंगी
कुछ सांसें भर सकूंगी
आकाश ने हवा से
जीवन भर हवा और हैरानी
का वादा कर के
बादलों पर उसके संग घर बना लिया
लेकिन जब बादल छाते तो आकाश गायब हो जाता
जब हवा बहती तो बादल बिखर जाता
हवा जतन करती रहती और घर बिखरता जाता
ना बादल ही थमते ना आकाश ही नज़र आता
और आकाश दूर पसरा
अपने ही हाथों बनाया
ये बसने बिखरने का
तमाशा
अपने ही आंगन में देखता जाता
हवा में फिर एक दिन भयानक तूफ़ान आया
हवा हैरान सी आ गई धरती पर
और साथ ही उसके
आ गया धरती पर सारा जीवन
अब हवा जीवन बनकर बहती है धरती पर
और आकाश दूर कहीं शून्य सा
खड़ा रहता है निर्जन।
सौम्या वफ़ा।©
घर बसाने का सोचा
हवा का घरौंदा आकाश पर ही हो सकता है
ये कहकर एक दिन आकाश ने हवा को
बादलों से ये संदेसा भेजा
हवा हैरानी सी बहती
आकाश को निहारती रही
हवा उड़ती रही तो
आकाश भी साथ बहने लगा
हवा को लगा
अब तो तूफ़ानों से फ़ुरसत मिलेगी
अब तो मैं भी चैन से दो घड़ी बैठकर
कुछ हवा ले सकूंगी
कुछ सांसें भर सकूंगी
आकाश ने हवा से
जीवन भर हवा और हैरानी
का वादा कर के
बादलों पर उसके संग घर बना लिया
लेकिन जब बादल छाते तो आकाश गायब हो जाता
जब हवा बहती तो बादल बिखर जाता
हवा जतन करती रहती और घर बिखरता जाता
ना बादल ही थमते ना आकाश ही नज़र आता
और आकाश दूर पसरा
अपने ही हाथों बनाया
ये बसने बिखरने का
तमाशा
अपने ही आंगन में देखता जाता
हवा में फिर एक दिन भयानक तूफ़ान आया
हवा हैरान सी आ गई धरती पर
और साथ ही उसके
आ गया धरती पर सारा जीवन
अब हवा जीवन बनकर बहती है धरती पर
और आकाश दूर कहीं शून्य सा
खड़ा रहता है निर्जन।
सौम्या वफ़ा।©
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