घनन घनन उमड़े बरसे मेघ
मेघ बरसे ,बरसे मेघ
सांवरी घटा छायी
पुरबइया छुमक छुमक चले
छम छम
पुरबैय्या छुमक छुमक चले छम छम
सरसर सरसर झर झर झर
संदेसा सावन का ले आयी
बरसी बूँद बूंदा बांदी
प्यासे जलत जिया को ठण्ड लायी
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन घमक घमक घन घन घन घनन घनन घन घन घन घन घननन घननन नननन नननन
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन
प्यासी दौड़त गोरी अंगना आयी
छोड़ के बारहमासी बिरह
छोड़ के बारहमासी बिरह
गोरी मन धुन सावन रमाई
कूके कोयलिया नीम डार पे
कूके कोयलिया नीम डार पे
गोरी पीयू पीयू सुर मिलाई
लगाए गोरी माई से मनुहारें , मनुहारें
लगाए गोरी माई से मनुहारें
सखी सखियाँ पुकारें
देख देख गोरी मन
माई बाबा से जिद लगवाई
गोरी सखी संग अंगना में
अमवा पे झूला डलवाई
पीपल छैयाँ बैठे सखियाँ
गोरी भर नैनन में साजन
ऊंची पेंग बढ़ाई
सखियाँ संग गाँवे कजरी
गोरी के मन बाजे मल्हार बधाई
गगन पर बरसे रंग गुलाबी
गोरी तन छायी हरियाली
साजन सजनी सखी सहेली
नाचे रिमझिम रिमझिम रुमझुम रुमझुम
झूमक झूमक झूमक झुम झुम
गोरी पाँव थिरके ताल
जो ताल बरसाए बरखा मतवारी
छोड़ के सब बिरज के काज
छोड़ के सब बिरज के काज
गोरी नाचे आज छमाछम बिन लाज
उड़े चुनर बसंती
संग पुरवैय्या के
दे गोरी की ताल पे ताली
सूने माथे साजे सोलह बिंदिया
होठ पे चपला बन चमके लाली
बावरी जोगनिया आज हरि पिया की , पिया की...
बावरी जोगणिया आज हरि पिया की
नाचे बन दुरहन मतवारी
हाँथ रचाये मेहंदी
सजाये सोलह सिँगारी
गोरी भीजे
भीजे हरि
भीजे तन मन
गोरी भीजे
भीजे हरि
भीजे तन मन
भीजि हरि के रंग हरी अंगिया
भीजे गोरी के रंग हरि हर हर
हर हर हरि रंगे गोरी रंग
सावन सारी हरी हरी हरि रंग रसिया
गोरी को सावन में बहार लागी
गोरी के जी को लागा जियरा
गोरी के जी को लागा जियरा
नाचे पग पग बन बन
पग पग सर नवाये बृंदाबन
गोकुल पे बरखा छायी
हरि के जी में देखो जी
हरि के जी में देखो जी
हरि के जी गोरी समायी
सांवरे संग सांवरी बरखा आयी
सांवरे संग सांवरी बरखा आयी
घनन घनन उमड़े बरसे मेघ
मेघ बरसे
साँवरी घटा छायी
घनन घनन उमड़े बरसे
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन घमक घमक घन घन घन घनन घनन घन घन घन घन घननन घननन नननन नननन
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन
सांवरी घटा छायी
घटा छायी
घटा छायी
सांवरी घटा छायी.... । .
गीत - सौम्या वफ़ा। ©
मेघ बरसे ,बरसे मेघ
सांवरी घटा छायी
पुरबइया छुमक छुमक चले
छम छम
पुरबैय्या छुमक छुमक चले छम छम
सरसर सरसर झर झर झर
संदेसा सावन का ले आयी
बरसी बूँद बूंदा बांदी
प्यासे जलत जिया को ठण्ड लायी
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन घमक घमक घन घन घन घनन घनन घन घन घन घन घननन घननन नननन नननन
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन
प्यासी दौड़त गोरी अंगना आयी
छोड़ के बारहमासी बिरह
छोड़ के बारहमासी बिरह
गोरी मन धुन सावन रमाई
कूके कोयलिया नीम डार पे
कूके कोयलिया नीम डार पे
गोरी पीयू पीयू सुर मिलाई
लगाए गोरी माई से मनुहारें , मनुहारें
लगाए गोरी माई से मनुहारें
सखी सखियाँ पुकारें
देख देख गोरी मन
माई बाबा से जिद लगवाई
गोरी सखी संग अंगना में
अमवा पे झूला डलवाई
पीपल छैयाँ बैठे सखियाँ
गोरी भर नैनन में साजन
ऊंची पेंग बढ़ाई
सखियाँ संग गाँवे कजरी
गोरी के मन बाजे मल्हार बधाई
गगन पर बरसे रंग गुलाबी
गोरी तन छायी हरियाली
साजन सजनी सखी सहेली
नाचे रिमझिम रिमझिम रुमझुम रुमझुम
झूमक झूमक झूमक झुम झुम
गोरी पाँव थिरके ताल
जो ताल बरसाए बरखा मतवारी
छोड़ के सब बिरज के काज
छोड़ के सब बिरज के काज
गोरी नाचे आज छमाछम बिन लाज
उड़े चुनर बसंती
संग पुरवैय्या के
दे गोरी की ताल पे ताली
सूने माथे साजे सोलह बिंदिया
होठ पे चपला बन चमके लाली
बावरी जोगनिया आज हरि पिया की , पिया की...
बावरी जोगणिया आज हरि पिया की
नाचे बन दुरहन मतवारी
हाँथ रचाये मेहंदी
सजाये सोलह सिँगारी
गोरी भीजे
भीजे हरि
भीजे तन मन
गोरी भीजे
भीजे हरि
भीजे तन मन
भीजि हरि के रंग हरी अंगिया
भीजे गोरी के रंग हरि हर हर
हर हर हरि रंगे गोरी रंग
सावन सारी हरी हरी हरि रंग रसिया
गोरी को सावन में बहार लागी
गोरी के जी को लागा जियरा
गोरी के जी को लागा जियरा
नाचे पग पग बन बन
पग पग सर नवाये बृंदाबन
गोकुल पे बरखा छायी
हरि के जी में देखो जी
हरि के जी में देखो जी
हरि के जी गोरी समायी
सांवरे संग सांवरी बरखा आयी
सांवरे संग सांवरी बरखा आयी
घनन घनन उमड़े बरसे मेघ
मेघ बरसे
साँवरी घटा छायी
घनन घनन उमड़े बरसे
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन घमक घमक घन घन घन घनन घनन घन घन घन घन घननन घननन नननन नननन
घुमड़े मेघ गगन पे घन घन
सांवरी घटा छायी
घटा छायी
घटा छायी
सांवरी घटा छायी.... । .
गीत - सौम्या वफ़ा। ©
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