बुधवार, 8 जुलाई 2020

ज़िन्दगी के नाम

ज़िन्दगी है निराली बड़ी
तीखी है
पर प्यारी है बड़ी
रूठे तुम हो बैठे यहां
जाने तन्हा कबसे
सुनी पुकार तुमने नहीं
ये कबसे तुम्हें बुला रही है
मना लो इसे जो ये रूठी है
जैसे मान जाएं
खेल खेल में गुड्डे गुड़िया
काहे की लड़ाई
काहे की जीत हार
मान जाओ तुम
ये तुम्हें माना रही है
काहे का मान अभिमान
काहे का लंबा कद
काहे का फ़िज़ूल ही सीना चौड़ा
थोड़ा सा सिर झुका के चलो
ये दामन में फूल बरसा रही है
मानो तुम या ना मानो
ये फ़िर भी आइने में
कुछ तो बता रही है
थोड़ा तुम रुक के इसकी 
ख़ैर खबर लो
ये तुम्हारी ही खैरियत पूछती जा रही है
ये अलबेली सी ज़िन्दगी
नीम हकीम सी महंगी है
कड़वी जैसे दवा की पुड़िया
सीख लो जो  इससे जीना
तो हर मर्ज का है इलाज
दर्द ले के फ़िर रहे हो यहां वहां
ये मुदावा ख़ुद में बता रही है
ना हो कोई मोल
तो बेच ना देना कहीं
किसी को कौड़ियों के भाव
जिनकी नज़र को परख़ नहीं
उनको हीरे में भी
लगती कंकड़ से भी सस्ती है
थके तुम हो
कहते हो ये रुकी रुकी सी है
देखो तो गौर से
तुम हो ठहरे
ये तो बहती ही जा रही है
सीख लो जो संग इसके बहना
तो फ़िर डूबने का क्या खौफ़
डूब भी गए तो क्या
ये ख़ुद ही तुम्हें पार लगा रही है
बस भरोसा निभा के देखो
बस हौसला बना के देखो
माना कि के कहना है आसान
जियो तो जीना है दो धारी तलवार
पर छोड़ने से पहले ज़िन्दगी का हाथ
लेना उनका ज़रूर कुछ ख़बरो हाल
जो मौत के इंतज़ार में
जाने कब से बैठे हैं
जीने को बेक़रार
क्या हुआ जो खाई हैं
ठोकरें तुमने दर बदर हज़ार
ये लेके सौ मर्तबा हर इम्तेहान
सिखाती है जीना फ़िर एक बार
सीख लो जो ये सिखा रही है
तुम्हें दिखा के महफिलें
ये अपनी ही धुन में अकेली चली
साथ ज़िन्दगी के वही चल सका
जिसे इसकी बावरी मौज की
धुन लगी
के गा लो सुर में सुर मिला के संग इसके
ये जो भी  नगमे सुना रही है
कर ना लेना हड़बड़ी में कोई
नादानी
कितनी भी हो मुश्किल
पर ये दुश्मन नहीं
यही तो एक पक्की सहेली है
झूठ मूठ के फेर में
कर लेना ना इससे कट्टी कहीं
ज़िन्दगी की बाहों में डाल के हाथ
चल पड़ो साथ इसके
जिधर भी ले जा रही है
ये रुक के करेगी ना तुम्हारा इंतज़ार
मौका है फ़िर भी हर रोज़ देती
जीने का एक बार
किसी बार तो सुन लो ज़रा जी
ये जाने जां तुम्हें ही बुला रही है।
ज़िन्दगी है निराली बड़ी
तीखी है पर है
प्यारी बड़ी।
किसी बार तो सुन लो
ये जाने जां तुम्हें ही बुला रही है।




"ज़िन्दगी के नाम"।


सौम्या वफ़ा।©





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें