मेरी आंखों के साग़र में
तेरी हर सांस की लहर का ठिकाना है
इस गहरे समंदर में
तेरे हर राज़ का शामियाना है
ले आओ तो इस बार
कुछ बारिशें ले आना
वर्ना कहने को तो साग़र है
मगर जीने को पानी यहां
बहुत खा़रा है।
सौम्या वफ़ा।
तेरी हर सांस की लहर का ठिकाना है
इस गहरे समंदर में
तेरे हर राज़ का शामियाना है
ले आओ तो इस बार
कुछ बारिशें ले आना
वर्ना कहने को तो साग़र है
मगर जीने को पानी यहां
बहुत खा़रा है।
सौम्या वफ़ा।
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