वो चुटकुले सुनाता
और वो खिलखिला कर हंसती थी
वो गाने गुनगुनाती
और वो मंद मंद मुस्काता था
वो अपनी सी कहानियां सुनाता
और वो रात भर सुनती जाती थी
वो जानी पहचानी कविता कहती
और वो बीच में ही सो जाता था
जब वो कुछ नहीं कहता
तो वो
चुपके से रो देती थी
और वो खिलखिला कर हंसता था
हर बार
जब जब उसे रूठने पर
मनाता था
वो कहानियों को तस्वीरों में गढ़ता था
वो तस्वीरों को कविताओं में मढ़ती थी
उसकी कहानियां
शायरा के सांसों की डोरी थी
और उसकी कविता
कहानीकार के सुकून की लोरी थीं
एक डोरी से पालना डुलाता रहता
और
एक रात भर लोरी सुनाती रहती थी।
@सौम्य वफ़ा।©®
और वो खिलखिला कर हंसती थी
वो गाने गुनगुनाती
और वो मंद मंद मुस्काता था
वो अपनी सी कहानियां सुनाता
और वो रात भर सुनती जाती थी
वो जानी पहचानी कविता कहती
और वो बीच में ही सो जाता था
जब वो कुछ नहीं कहता
तो वो
चुपके से रो देती थी
और वो खिलखिला कर हंसता था
हर बार
जब जब उसे रूठने पर
मनाता था
वो कहानियों को तस्वीरों में गढ़ता था
वो तस्वीरों को कविताओं में मढ़ती थी
उसकी कहानियां
शायरा के सांसों की डोरी थी
और उसकी कविता
कहानीकार के सुकून की लोरी थीं
एक डोरी से पालना डुलाता रहता
और
एक रात भर लोरी सुनाती रहती थी।
@सौम्य वफ़ा।©®
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